ताइक्वांडो के एडवांस ट्रेनिंग कैंप में इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने सीखे एक से बढ़कर एक पैंतरे
कराटे का अंतिम उद्देश्य जीत या हार में नहीं है, बल्कि इसके प्रतिभागियों के चरित्र की पूर्णता में है-डॉ. संजय गुप्ता
कोरबा : तायक्वोंडो मार्शल आर्ट का एक कोरियाई रूप है, जिसमें पंचिंग और किकिंग तकनीकों की विशेषता है, जिसमें सिर की ऊंचाई वाली किक, स्पिनिंग जंप किक और फास्ट किकिंग तकनीक पर जोर दिया जाता है। तायक्वोंडो एक पारंपरिक कोरियाई मार्शल आर्ट है, जिसका अर्थ है “लात मारने और मुक्का मारने का तरीका”।
ताइक्वांडो (Taekwondo) एक कोरियाई शब्द है जो तीन शब्दों से मिलकर बना है: Tae-kwon-do जहां ‘Tae’ का अर्थ पैर होता है या क़दम आगे बढ़ाना होता है, ‘Kwon’ का अर्थ मुक्का मारना या लड़ाई है और ‘Do’ का अर्थ है तरीक़ा या अनुशासन।प्रत्येक प्रतियोगी का उद्देश्य अपने प्रतिद्वंद्वी के धड़ या सिर पर घूंसे और लात मारकर अंक हासिल करना या नॉकआउट से जीत हासिल करना होता है। घूंसा, सीधे पंचिंग तकनीक के माध्यम से एक कसकर बंधी हुई मुट्ठी के अगले भाग (मुट्ठी बांधने पर उंगलियों की जोड़ वाली हड्डी) का इस्तेमाल कर मारा जाना चाहिए।
दीपका स्थित इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने कोरबा के सीनियर क्लब में आयोजित छत्तीसगढ़ ताइक्वांडो एसोसिएशन के तत्वाधान में एडवांस ट्रेनिंग कैंप में हिस्सा लिया। इस ट्रेनिंग कैंप में कक्षा आठवीं से सारांश बनवाला, वैदिक व्यास एवं दीपक यादव ने भाग लिया। साथ ही इस ट्रेनिंग कैंप में जितेंद्र शुक्ला एसपी कोरबा ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की । इसके साथ ही ताइक्वांडो एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी अनिल द्विवेदी और इंडस पब्लिक स्कूल के ताइक्वांडो प्रशिक्षक लीलाराम यादव ने भाग लिया। गौरतलब है कि यह एडवांस ट्रेनिंग कैंप श्री प्रेम कुमार( ब्लैक बेल्ट सिक्स डॉन,इंटरनेशनल रेफरी एवं फार्मर कोच इंडिया टीम )के दिशा निर्देशन में आयोजित किया गया।
इंडस पब्लिक स्कूल के विद्यार्थियों ने पूरी संजीदगी के साथ ट्रेनिंग कैंप में अपनी प्रतिभा को निखारने हेतु अनवरत पसीना बहाया।सभी विद्यार्थी ट्रेनिंग कैंप का हिस्सा बनकर प्रसन्न नजर आए। ट्रेनिंग कैंप में भाग लेने वाले सभी विद्यार्थी इंडस पब्लिक स्कूल के ताइक्वांडो प्रशिक्षक श्री लीलाराम यादव के दिशा निर्देशन में इस एडवांस ट्रेनिंग कैंप का हिस्सा बने सभी विद्यार्थियों एवं कोचों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह से सम्मानित किया गया।
प्राचार्य डॉक्टर संजय गुप्ता ने कहा कि आत्मरक्षा सीखने का सबसे स्पष्ट कारण स्वयं को नुकसान से बचाने की क्षमता है। आत्मरक्षा तकनीकें आपको सतर्क रहने और जूडो, कराटे, जिउ-जित्सु और अन्य शैलियों का उपयोग करके शारीरिक शोषण या धमकाने से अपना बचाव करने के लिए सशक्त बनाती हैं।सेल्फ डिफेंस से मतलब है कि कोई व्यक्ति अपने शरीर या प्रॉपर्टी को बचाने के लिए फाइट कर सकता है। लेकिन कानून कहता है कि कोई भी व्यक्ति अपने बचाव में दूसरे को उतना ही नुकसान पहुंचा सकता है जितना उसके बचाव के लिए जरूरी था।
विद्यालय द्वारा समय-समय पर अध्यनरत विद्यार्थियों को ताइक्वांडो एवं जूडो प्रशिक्षण के द्वारा आत्मरक्षा के गुण सिखाए जाते हैं। हमारा यह प्रयास सदा रहता है कि हमारे विद्यालय में सभी प्रकार की कलाओं से बच्चों को पारंगत किया जाए। विद्यालय में विद्यार्थियों को जूडो एवं ताइक्वांडो का प्रशिक्षण देकर आत्मरक्षा हेतु तैयार किया जाता है हमारे विद्यालय के ताइक्वांडो एवं जूडो प्रशिक्षित विद्यार्थी राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर भी चयनित होकर अपनी प्रतिभा का बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।